गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन के दौरान शुक्रवार को पहली बार गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर से नाता जोडऩे के बाद ऐसा पहला मौका है जब वह अपने मठ से पूरे दो महीने दूर रहे। ऐसा करके उन्होंने एक बार फिर नाथ पीठ के जनसमर्पण भाव की बानगी पेश की। कोरोना संक्रमण के दौर में राजधर्म निभाने के लिए उन्होंने दो महीने के लिए उस मठ से भी दूरी बना ली, जिसके वह पीठाधीश्वर हैं।
पहले की पूजा और लिया आशीर्वाद
शुक्रवार की शाम पौने चार बजे वह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसके लिए मंदिर में लोगों का प्रवेश वर्जित था। सबसे पहले उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना की और फिर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया।
फिर शुरू हुआ बैठकों सिलसिला
फिर शुरू हुआ बैठकों का सिलसिला। पहले उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तैयारियों की समीक्षा और फिर लॉकडाउन के दौरान जिले के स्थिति पर चर्चा की। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने मंदिर से जुड़ी संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने गोरखपुर में कोरोना संक्रमण, लाकडाउन और क्वारंटाइन सेंटरों के बारे में जानकारी ली।
गुरु श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की ली जानकारी
साथ ही सोनबरसा में बन रहे गुरु श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे लोगों को फिजीकल डिस्टेंसिंग का हरहाल में पालन करने के लिए कहा। बताया कि यही एक मात्र बचाव का तरीका है। उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की जानकारी लेने के साथ ही शीघ्र निर्माण कराने को कहा।
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अपने कक्ष में जाने से पहले उन्होंने पर्यटन विकास के कार्यों की समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी शनिवार की दोपहर 12 बजे लखनऊ रवाना हो जाएंगे।